दशहरा: रावण बाहर नहीं, हमारे अंदर छिपा है…

हर साल हम रावण को जलाते हैं, आतिशबाज़ी होती है, मेले लगते हैं…

पर क्या कभी सोचा है कि असली रावण कहाँ है

वह न तो सोने की लंका में है और न ही किसी जंगल में छिपा बैठा है।

वह हमारे भीतर है – जब हम झूठ बोलते हैं, वह मुस्कुराता है।

जब हम अन्याय देखकर चुप रहते हैं, वह और मज़बूत हो जाता है।

जब हम सच का साथ छोड़ देते हैं, वही रावण फिर से जन्म लेता है।

राम ने केवल एक रावण को नहीं हराया था,

उन्होंने हर उस बुराई को परास्त किया था जो इंसानियत को निगलना चाहती थी।

आज जब समाज में झूठ सच को ढक रहा है,

जब लालच रिश्तों से बड़ा हो गया है,

जब सत्ता इंसाफ़ पर भारी पड़ रही है –

तो फिर से ज़रूरत है एक राम बनने की।

दशहरा हमें तलवार नहीं, साहस और संकल्प देता है।

साहस – बुराई से लड़ने का।

संकल्प – हर कीमत पर सच्चाई के साथ खड़े होने का।

आइए आज कोई पुतला नहीं जलाते,

बल्कि अपने भीतर के रावण को जलाते हैं —

जो हमें डराता है, रोकता है, और सच्चाई से दूर ले जाता है।

जब ऐसा होगा, तभी असली विजयदशमी होगी…

तभी हम कह पाएंगे – सिर्फ रावण नहीं जला, इंसानियत ने जीत हासिल की है।

दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं

– 24 न्यूज़ चैनल परिवार, शहडोल

  • Related Posts

    अमलाई माइन — 5:25 की वो शाम: जब मिट्टी नहीं, जवाबदेही मरी

    धर्मेन्द्र द्विवेदी | एडिटर-इन-चीफ, 24 News Channelविशेष रिपोर्ट — अमलाई (शहडोल) श्री रमन्ना, जवाब दो — तुम कहाँ थे जब एक आदमी दफन हो रहा था? स्थल के प्रशासनिक प्रभारी…

    “राजस्व की साजिश और लहू से सनी ज़मीन” — केशवाही हत्याकांड के बाद मिथलेश राय की पोस्ट ने हिलाया प्रशासन!

    केशवाही डबल मर्डर के बाद सोशल मीडिया पर शहडोल निवासी मिथलेश राय की एक पोस्ट ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है।राय की पोस्ट में न केवल हालिया दोहरे…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *