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खरीदार सुनील कुमार शर्मा ने उप-पंजीयक, शहडोल के पास लिखित आपत्ति दर्ज कराई और SAMPADA पर Protest भी किया। बावजूद इसके, उसी खसरे (418/1) पर 12 जुलाई 2025 को दूसरा एग्रीमेंट कर दिया गया। अब सवाल है — आपत्ति के बाद भी प्रोसेस कैसे चला?
पूरी खबर –
शहडोल/सोहागपुर। ग्राम कुदरी का खसरा नं. 418/1 (हिस्सा 0.131 हे.) अब शहडोल की रजिस्ट्री पर सवाल खड़ा कर रहा है। दस्तावेज़ों के अनुसार:
24 मई 2025 को सुनील शर्मा ने सुरेश वर्मन से ₹55 लाख में एग्रीमेंट किया, ₹5 लाख अग्रिम दिए।
सुनील ने इसके बाद उप-पंजीयक कार्यालय में लिखित आपत्ति दी और SAMPADA पोर्टल पर Protest & Charges की फीस भी जमा की।
12 जुलाई 2025 को उसी जमीन पर अनीता वर्मन के नाम से दूसरा एग्रीमेंट कर दिया गया।
यानी आपत्ति दर्ज होने के बाद भी उसी जमीन पर दूसरा एग्रीमेंट — यह केवल “लापरवाही” नहीं बल्कि विभागीय मिलीभगत की बू देता है।
सुनील का आरोप:
“मैंने समय रहते आपत्ति दी, SAMPADA पर रसीद भी ली। इसके बावजूद दूसरा एग्रीमेंट कर दिया गया। यह साफ़ धोखाधड़ी है। उप-पंजीयक को बताना होगा कि मेरी आपत्ति को क्यों कुचला गया।”
सवालों की बौछार –
1. जब आपत्ति दर्ज थी तो उप-पंजीयक ने दूसरा एग्रीमेंट क्यों स्वीकार किया?
2. क्या रजिस्ट्रेशन-लॉग/नोटरी-लॉग से छेड़छाड़ हुई?
3. क्या यह लापरवाही है या फिर किसी मिलीभगत का खेल?
कानूनी धाराएँ –
IPC 420 (धोखाधड़ी)
IPC 406 (आपराधिक विश्वासभंग)
IPC 166 (सार्वजनिक अधिकारी द्वारा कानून की अवहेलना)
Registration Act के दंडात्मक प्रावधान
(यह रिपोर्ट खरीदार के दावों और प्रस्तुत दस्तावेज़ों पर आधारित है।
अब चुप्पी नहीं चलेगी!
नोटिस — उप-पंजीयक, शहडोल:
हमारे पास खरीदार सुनील कुमार शर्मा द्वारा दर्ज की गई आपत्ति (SAMPADA रसीद सहित) के दस्तावेज़ मौजूद हैं। इसके बावजूद 12/07/2025 को उसी खसरे पर दूसरा एग्रीमेंट दर्शाया गया है।
48 घंटे के भीतर लिखित स्पष्टीकरण दें — किस आधार पर आपत्ति के बावजूद प्रक्रिया आगे बढ़ी?
जवाब न मिलने पर मामला FIR, लोकायुक्त और ACB तक जाएगा तथा सभी दस्तावेज़ सार्वजनिक कर दिए जाएँगे।



