अनूपपुर/शहडोल।
रामपुर बटुरा माइंस से जुड़ा बिजली घोटाला अब जिले की सबसे बड़ी सनसनीखेज रिपोर्ट बन चुका है।
करोड़ों रुपये खर्च, सब स्टेशन खड़ा… फिर भी खदान अब तक लो टेंशन (LT) के सहारे चल रही है।
SECL के E&M विभाग के एक अधिकारी ने ऑफ कैमरा चौंकाने वाला खुलासा किया –
“हमारा सब स्टेशन बनकर तैयार है। तीनों लाइनें LT पर हैं। HT लाइन के लिए ₹3.5 करोड़ बिजली विभाग को जमा कर दिए हैं। हमारी ओर से तो सब काम पूरा हो चुका है, लेकिन देरी उनकी तरफ से है।”
करोड़ों का सब स्टेशन – बना भी, धूल भी खा रहा
औद्योगिक नियम कहते हैं – माइनिंग जैसी इकाई को HT कनेक्शन लेना अनिवार्य है।
मगर रामपुर बटुरा माइंस आज भी तीन LT लाइनों पर गुल खिला रही है।
करोड़ों से बना सब स्टेशन वीरान पड़ा, मानो भ्रष्टाचार का स्मारक खड़ा हो गया हो।
डबल ट्रांसफार्मर – करंट का बड़ा खेल
एक ही परिसर में दो-दो ट्रांसफार्मर खड़े कर दिए गए।
इन ट्रांसफार्मरों को HT की जगह LT में कन्वर्ट कर दिया गया।
यही डबल ट्रांसफार्मर खेल पूरे मामले को संदिग्ध और सनसनीखेज बना रहा है।
किसकी जेब गर्म – किसका नुकसान?
फ़ायदा –
खदान प्रबंधन को LT पर बिजली बिल में भारी बचत।
सप्लायरों और ठेकेदारों की जेब मोटी।
नुकसान –
सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना।
सुरक्षा मानकों की धज्जियाँ उड़ गईं।
जनता के हिस्से की बिजली खदान ने गटक ली।
कटघरे में खड़े सवाल –
1. जब सब स्टेशन और पैसा दोनों तैयार हैं तो खदान अब तक HT से क्यों नहीं जुड़ी?
2. SECL E&M विभाग और बिजली कंपनी – दोनों इस देरी पर चुप क्यों हैं?
3. दो ट्रांसफार्मर लगाकर LT कन्वर्ज़न का असली खेल किसके इशारे पर हुआ?
4. क्या यह केवल “तकनीकी देरी” है या फिर करोड़ों का घोटाला?
अधिकारी चुप – शक गहरा –
इस मामले को लेकर मुख्य अभियंता (CE) और अधीक्षण अभियंता (SE) से संपर्क साधने की कोशिश की गई,
लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ।
अधिकारियों की यह चुप्पी ही इस खेल को और संदिग्ध बना रही है।
निचोड़ –
रामपुर बटुरा माइंस का बिजली प्रकरण अब सिर्फ तकनीकी देरी नहीं, बल्कि सीधा नियमों और राजस्व की लूट है।
जहाँ एक तरफ सब स्टेशन धूल खा रहा है, वहीं खदान LT पर चलाकर मलाई काट रही है।
इस खबर ने साफ कर दिया है – जनता अंधेरे में, अफसर बहार में!



