धनपुरी नगर पालिका में रिश्वतखोरी का बड़ा भंडाफोड़!

लोकायुक्त रीवा की टीम का जबरदस्त एक्शन — एएसआई इंद्र बहादुर सिंह रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

शहडोल।
धनपुरी नगर पालिका, जहाँ जनता अपने काम के लिए रोज़ चक्कर लगाती है — वहीं सोमवार की दोपहर लोकायुक्त रीवा की 15 सदस्यीय टीम ने एक ऐसा पर्दाफाश किया जिसने पूरे प्रशासनिक ढांचे को हिला दिया।
राजस्व शाखा में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक (ASI) इंद्र बहादुर सिंह उर्फ I.B. सिंह को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

लोकायुक्त ने यह ट्रैप भवन निर्माण स्वीकृति के नाम पर मांगी गई 10 हजार की रिश्वत के आधार पर लगाया था। शिकायतकर्ता से पहली किस्त लेते ही टीम ने मौके पर दबिश दी और आरोपी को पकड़ लिया।


पूरा घटनाक्रम

सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने नगर पालिका से भवन निर्माण की स्वीकृति मांगी थी, जिसके बदले अधिकारी ने 10 हजार की घूस मांग ली।
शिकायत लोकायुक्त रीवा कार्यालय में पहुंची, और फिर पूरी टीम ने रणनीति बनाकर धनपुरी नगर पालिका परिसर में जाल बिछाया।
ट्रैप ऑपरेशन के दौरान टीम ने जब ASI सिंह को 3 हजार रुपए लेते देखा, तुरंत पकड़ लिया।

जांच में नगर पालिका कर्मचारी रज्जन चौधरी की भूमिका भी सामने आई है, जिसने आरोपी अधिकारी को रिश्वत की राशि पहुंचाने में सहयोग किया था।
दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (Prevention of Corruption Act, 1988) के तहत मामला दर्ज किया गया है।


अब समझिए कानून: रिश्वतखोरी में क्या सजा तय है?

इस मामले में जिन धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है, वे बेहद कठोर हैं —

  1. धारा 7 (धन या उपहार मांगना या लेना) —
    सरकारी अधिकारी द्वारा किसी कार्य के बदले रिश्वत लेना तीन वर्ष से लेकर सात वर्ष तक की सजा और जुर्माना का प्रावधान है।
  2. धारा 13(1)(d) (भ्रष्ट आचरण) —
    जब कोई अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर अनुचित लाभ लेता है, तो यह धारा लागू होती है।
  3. धारा 12 (सह-अभियुक्त या सहयोगी) —
    अगर कोई अन्य व्यक्ति रिश्वत दिलाने या सुविधा उपलब्ध कराने में मदद करता है, तो उस पर भी वही सजा लागू होती है।

इसके अलावा, लोकायुक्त अधिनियम, 1981 की धारा 9 के तहत, लोकायुक्त को किसी भी सरकारी विभाग में आकस्मिक निरीक्षण, छापा या ट्रैप कार्रवाई करने का अधिकार है।


नगर पालिका में हड़कंप — भ्रष्टाचार के खेल का पर्दाफाश

कार्रवाई के बाद नगर पालिका कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। कई कर्मचारी अपनी सीट छोड़कर बाहर निकल गए, जबकि कुछ ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए।
स्थानीय नागरिकों का कहना है —

“धनपुरी नगर पालिका में रिश्वतखोरी लंबे समय से चल रही थी। अब जाकर सच्चाई सामने आई है।”


जनता की उम्मीद –

लोगों ने यह भी मांग उठाई है कि लोकायुक्त अब नगर पालिका के अन्य विभागों — जैसे जल प्रदाय, स्वच्छता, संपत्ति कर, भवन अनुमति आदि में भी छापे मारे, क्योंकि वहीं से भ्रष्टाचार की जड़ें गहराती हैं।


यह कार्रवाई क्यों बड़ी है?

धनपुरी नगर पालिका की यह कार्रवाई इसलिए ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि —

पहली बार किसी राजस्व शाखा के अधिकारी को सार्वजनिक स्थान पर पकड़ा गया।

ट्रैप में सरकारी दस्तावेज, नकदी, और मोबाइल चैट तक बरामद हुए।

लोकायुक्त की टीम ने बिना स्थानीय पुलिस को सूचित किए सीधा छापा मारा, जिससे पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।


अब आगे क्या?

लोकायुक्त ने आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, अन्य कर्मचारियों के कमीशन नेटवर्क और फर्जी अनुमति पत्रों की भी जांच होगी।
अगर साक्ष्य मजबूत मिले, तो विभागीय निलंबन और सेवा समाप्ति की कार्रवाई भी संभव है।


स्थान: धनपुरी, जिला शहडोल (म.प्र.)
रिपोर्ट: धर्मेन्द्र द्विवेदी, संपादक-इन-चीफ
24 News Channel | 24newschannel.in

  • Related Posts

    “गौमाता राष्ट्रमाता” — शहडोल में गूंजा गो-स्वाभिमान आंदोलन का बिगुल!

    धर्मेन्द्र द्विवेदी, एडिटर-इन-चीफ – 24 News Channel (शहडोल) अटल कामधेनु गौसेवा संस्थान ने मुख्यमंत्री के नाम 8 सूत्रीय माँगपत्र सौंपा, सड़कों पर उमड़ी आस्था की लहर! शहडोल, 29 अक्टूबर 2025।विंध्यभूमि…

    अमलाई माइन — 5:25 की वो शाम: जब मिट्टी नहीं, जवाबदेही मरी

    धर्मेन्द्र द्विवेदी | एडिटर-इन-चीफ, 24 News Channelविशेष रिपोर्ट — अमलाई (शहडोल) श्री रमन्ना, जवाब दो — तुम कहाँ थे जब एक आदमी दफन हो रहा था? स्थल के प्रशासनिक प्रभारी…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *