
24 न्यूज़ चैनल एक्सक्लूसिव
सोहागपुर/विशेष संवाददाता- SECL सोहागपुर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों से एक कंपनी अधिकारी द्वारा सलामी लेने का मामला सामने आया है। यह घटना न सिर्फ़ CISF के प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, बल्कि यह गंभीर सवाल खड़ा करती है कि आखिर एक साधारण पद पर कार्यरत कर्मचारी को केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों से सलामी दिलाने की अनुमति किसने दी?
फोटो से खुला राज़
24 न्यूज़ चैनल के हाथ लगे फोटो सबूत में साफ़ दिख रहा है कि SECL सोहागपुर क्षेत्र में पदस्थ डिप्टी मैनेजर (माइनिंग)/एरिया सिक्योरिटी ऑफिसर अमित सिंह, CISF जवानों की लाइनअप के बीच खड़े हैं और जवानों की औपचारिक सलामी उनके लिए आयोजित की गई।
नियम क्या कहते हैं?
CISF अधिनियम 1968 और गृह मंत्रालय के प्रोटोकॉल नियमों के अनुसार CISF जवान केवल –
अपने उच्चाधिकारियों को,
या फिर औद्योगिक प्रतिष्ठान के अधिकृत Head of Installation (जैसे GM, CMD) को सलामी देते हैं।
किसी कंपनी के आंतरिक कर्मचारी (जैसे डिप्टी मैनेजर या सिक्योरिटी ऑफिसर) को सलामी देने का कोई प्रावधान नहीं है।
बड़ा सवाल
- क्या CISF जवानों को दबाव में लाकर यह सलामी दिलाई गई?
- क्या SECL प्रबंधन ने इस प्रोटोकॉल का दुरुपयोग किया?
- क्या CISF की अनुशासन संहिता का यह खुला उल्लंघन नहीं है?
जनता की आवाज़
स्थानीय लोगों और कर्मचारियों का कहना है कि यह घटना “सुरक्षा बलों की गरिमा का अपमान” है। उनका कहना है कि यदि इस तरह निजी स्वार्थ में सुरक्षा बलों का उपयोग किया जाएगा तो यह गंभीर परंपरा बन सकती है।
कार्रवाई की मांग
24 न्यूज़ चैनल ने इस मामले में CISF मुख्यालय, गृह मंत्रालय और SECL CMD को शिकायत पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है।
सवाल साफ़ है
क्या सुरक्षा बलों को इस तरह निजी रसूख दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा?
या दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी?