
शहडोल- एसईसीएल सोहागपुर एरिया में एक बड़ा प्रशासनिक विवाद खड़ा हो गया है। यहां डिप्टी मैनेजर (माइनिंग) पदस्थ एक अधिकारी को एरिया सिक्योरिटी ऑफिसर का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला कंपनी की सेवा नियमावली के खिलाफ है, क्योंकि सुरक्षा विभाग की कमान केवल प्रशिक्षित और योग्य अधिकारियों को ही सौंपी जा सकती है।
आरटीआई में चौंकाने वाला खुलासा
सूचना के अधिकार (RTI) में जब इस तैनाती पर सवाल उठे तो जवाब मिला कि “सिक्योरिटी ऑफिसर पद के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं है।”
चौंकाने वाली बात यह है कि यह जवाब स्वयं संबंधित अधिकारी द्वारा ही तैयार किया गया बताया जा रहा है।
इससे पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही सभी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
ऑपरेशन जीएम की भूमिका भी सवालों में
सूत्र बताते हैं कि एरिया ऑपरेशन जीएम ने भी इस तैनाती का समर्थन किया है। दोनों अधिकारियों का एक ही प्रदेश से होना फेवरिटिज़्म और पक्षपात की आशंका को गहरा करता है।
कर्मचारियों का आरोप है कि यह निर्णय नियमों की अनदेखी और मनमानी का उदाहरण है।
कर्मचारियों का आक्रोश
कर्मचारियों ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि माइनिंग कैडर का अधिकारी जब सुरक्षा विभाग की कमान संभालेगा तो इससे वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की संभावना बढ़ जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था जैसे संवेदनशील विषय पर नियमों से समझौता पूरे एरिया की कार्यप्रणाली के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
निष्पक्ष जांच की मांग
कर्मचारियों और क्षेत्रीय जानकारों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जांच से ही स्पष्ट हो सकेगा कि क्या वाकई सेवा नियमों का उल्लंघन हुआ है और जिम्मेदारी किसकी है।
24 न्यूज़ चैनल इस मामले पर लगातार नज़र रखे हुए है और हर नए खुलासे को सबसे पहले आपके सामने लाएगा।